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लेखक:

मोहन चोपड़ा

स्वर्गीय मोहन चोपड़ा का जन्म गुरदासपुर में हुआ। शैशव डलहौजी में बीता। शिक्षा गुरदासपुर, डलहौजी व लाहौर से अंग्रेजी में एम०ए० किया और वहाँ एस०डी० कॉलेज में लेक्चरर हो गए। देश-विभाजन के बाद लुधियाना, फिरोजपुर व हिसार में अंग्रेजी के प्रोफेसर रहे।

हिंदी में सुविख्यात कहानीकार, नाटककार, उपन्यासकार और कवि श्री मोहन चोपड़ा की सरस लेखनी व अभिवन शैली पाठकों को बेहद प्रिय है। आपकी रचनाओं में जहाँ जीवन की ठोस वास्तविकताओं का चित्रण हुआ है, उस चित्रण में मानसिक भावों का सूक्ष्म विश्लेषण भी पठनीय है।

प्रकाशित कृतियाँ

'टूटा हुआ आदमी', 'ये नये लोग', 'बाहें', 'नीड़ से आगे', 'एक छाया और मैं', 'सुबह से पहले' (उपन्यास), 'आधा कटा हुआ सूर्य', 'पीले पत्ते', 'शाम और अकेला आदमी', 'बंद दरवाजा' (कहानी-संग्रह), 'समय के स्वर' (एकांकी), 'चट्टान का फूल' (रेडियो नाटक)', 'आँधी और घर' (नाटक), 'नई सुबह के चरण' (लघुकाव्य)', 'वादियों के रास्ते' (यात्रा-कथा)।

आपके उपन्यास: 'टूटा हुआ आदमी' एवं 'ये नये लोग', नाटक: 'आँधी और घर' तथा कहानी-संग्रह: 'आधा कटा हुआ सूर्य' को हरियाणा भाषा विभाग ने वर्ष १९७१, १९७२ तथा १९७३ की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं के रूप में पुरस्कृत किया। पंजाब भाषा विभाग ने भी 'ये नये लोग' को वर्ष १९७२ की सर्वश्रेष्ठ रचना के रूप में पुरस्कृत किया।

इंतजार और तेरह अन्य कहानियाँ

मोहन चोपड़ा

मूल्य: Rs. 90

इस कहानी-संग्रह की सभी कहानियाँ आम लोगों की कहानियाँ हैं। इन कहानियों की घटनाएँ व पात्र हमें आज भी अपने इर्द-गिर्द नज़र आएँगे।   आगे...

टूटा हुआ आदमी

मोहन चोपड़ा

मूल्य: Rs. 70

प्रस्तुत है विशिष्ट उपन्यास...   आगे...

 

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